EVERYTHING ABOUT SHIV CHAISA

Everything about Shiv chaisa

Everything about Shiv chaisa

Blog Article

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

Whosoever features incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with enjoy and devotion, enjoys substance contentment and spiritual bliss Within this earth and hereafter ascends for the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva removed the suffering of all and grants them Everlasting bliss.

मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

दुष्ट सकल नित shiv chalisa in hindi मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥

दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

नित्त नेम उठि प्रातः ही, पाठ करो चालीसा।

क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥ शंकर हो संकट के नाशन ।

In moments like these where by life happens to be so fast that we rarely discover the perfect time to pray, Shiva Chalisa will come as being a blessing for all of us.

Report this page